हमारे जीवन की कथा हमें खुद लिखनी चाहिए। – सदगुरु श्री अनिरुद्ध
हरि ॐ. श्रीराम. अंबज्ञ. नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्, बचपन से शुरुआत...
समाज और समय के साथ रहने से मन परिपक्व होता है। – सदगुरु श्री अनिरुद्ध बापू
हरि ॐ. श्रीराम. अंबज्ञ. नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्. (बापु घड़ी देखते...
सदगुरु श्री अनिरुद्ध पितृवचन – १८ एप्रैल २०१९ – नामस्पर्श
हरि ॐ. श्रीराम. अंबज्ञ. नाथसंविध्, नाथसंविध्, नाथसंविध्. कुछ दिन पहले...
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